उत्तर प्रदेश के प्राचीन शिव मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं ब्लकि पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं तो आपको इन यूपी के प्राचीन मंदिर में एक बार अवश्य जाना चाहिए।
आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश के इन प्रमुख व प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में।
उत्तर प्रदेश के प्राचीन शिव मंदिर के नाम – 15 Famous Shiva Temples
जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो शक्ति हमारे भीतर निरंतर कार्य कर रही है वो हमें भगवान शिव शंकर से मिलती है। शिव के बिना उनके भक्त अस्तित्वहीन हैं।
उत्तर प्रदेश जहां, राम मंदिर, कृष्ण मंदिर सहित अनेकों पवित्र धार्मिक स्थल हैं, वहां भगवान शिव के एक नहीं ब्लकि 15 से भी ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर हैं। ये मंदिर प्रसिद्ध होने के साथ-साथ प्राचीन भी हैं। इन मंदिरों में से अधिकतर में जो शिवलिंग विराजमान है वे स्वयं भगवान शिव से प्रकट हुए हैं।
यूपी के प्रसिद्ध व प्राचीन शिव मंदिर के नाम इस प्रकार हैं –
1. बाबा गंगेश्वरनाथ धाम, इटहरा उत्तर प्रदेश
बाबा गंगेश्वरनाथ धाम को एक प्रसिद्ध शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह यूपी के प्राचीन शिव मंदिर में से एक है जहां दूर-दराज से शिवभक्त महादेव के दर्शन प्राप्त करने के लिए आते हैं।
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के इटहरा गांव में स्थित बाबा गंगेश्वरनाथ धाम लगभग 283 वर्ष पुराना धार्मिक स्थल है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1750 में बिसेन राजपूतों ने काशी नरेश की सहायता से करवाया था।
महादेव का यह प्राचीन मंदिर इटहरा में गंगा नदी के तट पर स्थित है। बाबा गंगेश्वरनाथ धाम शिव मंदिर पर शिवरात्री के दिन बड़ा मेला लगता है। भदोही जिला प्रयागराज व वाराणसी के बीच में पड़ता है। यदि आप वाराणसी या उसके समीप हैं, तो इस शिवरात्री पर भगवान शिव के इस प्राचीन मंदिर में जाकर शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
2. लोधेश्वर महादेव मंदिर, बाराबंकी उत्तर प्रदेश
बात जब होती है कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिर कौन कौन से हैं? तो लोधेश्वर महादेव मंदिर को कैसे भूला जा सकता है। लोधेश्वर महादेव मंदिर अपने आप में एक खास शिव स्थल है।
लोधेश्वर महादेव मंदिर में जो शिवलिंग पूजा जाता है वह भारत में मिले 108 शक्ति पीठ में मिले 52 शिवलिंग में से एक है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की राम नगर तहसील में स्थिल लोधेश्वर महादेव मंदिर को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि लोधेश्वर महादेव मंदिर वह स्थल है जहां पर महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद पांडवों ने पराश्चित करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था।
3. मनकामेश्वर महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश
प्राचीन यूपी शिव मंदिर में मनकामेश्वर महादेव का एक अलग स्थान है। उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक नहीं ब्लकि चार मनकामेश्वर महादेव मंदिर हैं जो कि अलग-अलग स्थान पर स्थित हैं।
आगरा, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ये चार ऐसे स्थान हैं जहां आप मनकामेश्वर महादेव मंदिर जाकर महादेव के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
महादेव के इन चारों मनकामेश्वर मंदिर के निर्माण से संबंधित पुराणों में अलग-अलग कहानियां वर्णित हैं।
4. बटेश्वरनाथ शिव मंदिर, आगरा उत्तर प्रदेश
अगर बात करें कि उत्तर प्रदेश में सबसे पुराना शिवलिंग कहाँ है? तो काशी के बाद आगरा को इस लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के आगरा में बटेश्वरनाथ शिव मंदिर भगवान महादेव का एक प्राचीनतम स्थान है। माना जाता है कि बटेश्वरनाथ मंदिर 8वीं या 9वीं शताब्दी में राजा बदन सिंह भादौरिया के द्वारा बनवाया गया था।
बटेश्वरनाथ मंदिर को बाबा बटेश्वरनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान शिव के 101 मंदिर हैं जो कि यमुना नदी के तट पर बने हुए हैं। भगवान महादेव के दर्शन पाने के लिए अगर आप बटेश्वरनाथ मंदिर जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले आगरा जाना होगा।
आगरा से 70 किमी. दूर बटेश्वर गांव में बटेश्वरनाथ मंदिर स्थित है।
5. बहता पुल व शिव मंदिर, लखनऊ उत्तर प्रदेश
अगर आप उत्तर प्रदेश में एक ऐसे शिव मंदिर में महादेव के दर्शन करना चाहते हैं जो भीड़ से बिल्कुल अलग एक पुल के ऊपर बना हुआ हो तो आपको लखनऊ के बहता पुल व शिव मंदिर अवश्य जाना चाहिए।
काकोरी-मोहिलाबाद रोड़ पर स्थित महादेव का यह पुराना मंदिर सन् 1786 से लेकर 1788 की बीच बनाया गया था। बहता पुल और शिव मंदिर को नवाब असफ-उद-दौला ने बनवाया था।
शहर और गांव की भीड़-भाड़ से अलग इस शिव मंदिर आकर आप एक अलग ही शांति का अनुभव करेंगे।
6. मेंढ़क मंदिर, लखीमपुर उत्तर प्रदेश
मेंढ़क मंदिर (Frog Temple) उत्तर प्रदेश का एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर है जो कि एक मेंढ़क के ऊपर बना हुआ है।
इस महादेव मंदिर की एक और खास बात यह है कि जिस मेंढ़क के ऊपर शिव जी का यह प्राचीन मंदिर बना हुआ है, वह मेंढ़क एक मगरमच्छ की कमर पर बैठा हुआ है। है न अनोखी बात?
भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मेंढ़क मंदिर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में ओएल (Oel town) में स्थित है जो कि लखनऊ से 120 किमी. दूर है। सन् 1860 से 1870 के बीच ओएल के राजा के द्वारा बनवाया गया यह मेंढ़क मंदिर नर्मदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
7. गौरी-शंकर मंदिर, पीलीभीत उत्तर प्रदेश
जब भी हम बात करते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना मंदिर कौन सा है तो कई ऐसे ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं जिनकी सभी चर्चा करते हैं। पीलीभीत का गौरी-शंकर मंदिर शिवजी का ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में स्थित गौरी-शंकर मंदिर में मां पार्वती और भगवान शिव की एक साथ पूजा की जाती है। गौरी शंकर मंदिर को 18वीं शताब्दी में राजा रघुनन्दन दास के द्वारा बनवाया गया था।
अगर आप हवाईजहाज की यात्रा करके पीलीभीत आना चाहते हैं तो आपको इसके लिए लखनऊ एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट लेनी होगी। गौरी शंकर मंदिर पीलीभीत रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किमी. दूरी पर स्थित है। आप रेल या बस के माध्यम से यहां आसानी से आ सकते हैं।
8. गोला गोकर्णनाथ मंदिर, लखीमपुर, उत्तर प्रदेश
गोला गोकर्णनाथ शिव मंदिर लखनऊ के प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के पास लखीमपुर खीरी जिले में गोला गोकर्णनाथ नगर में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर हमेशा भक्तों की आस्था का केन्द्र रहता है।
चूंकि गोला गोकर्णनाथ एक पौराणक नगर है इसे छोटा काशी भी कहा जाता है। गोला गोकर्णनाथ मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है उसे रावण से संबंधित माना जाता है। बताया जाता है कि यह वही शिवलिंग है जो भगवान शिव ने रावण को उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर लंका ले जाने के लिए दिया था। लेकिन जिसे रावण ने बीच में ही रास्ते पर रख दिया था।
गोला गोकर्णनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग में भगवान शिव स्वयं विराजमान है।
9. कपालेश्वर महादेव मंदिर, डेरापुर, उत्तर प्रदेश
सबसे पुराना भगवान शिव का मंदिर कौन सा है? इस संदर्भ में कपालेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसा स्थान है जो प्राचीन समय से उत्तर प्रदेश में शिव भक्तों के लिए बहुत खास रहा है।
कपालेश्वर महादेव मंदिर कानपुर के पास डेरापुर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में गुर्जर- परिहार वंश ने करवाया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का यह कपालेश्वर महादेव मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान शिव ने राक्षस कपाल को मारा था। इसी वजह से भगवान शिव कपालेश्वर के नाम से भी जाने जाते हैं।
अगर आप भगवान शिव के इस पुराने व ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले कानपुर जाना होगा।
10. कर्दमेश्वर महादेव मंदिर, बनारस उत्तर प्रदेश
बात जब बनारस में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है की होती है तो कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के बारे में सभी शिव भक्तों को जरूर जानना चाहिए। कर्दमेश्वर महादेव मंदिर वाराणसी का एक बहुत पुराना मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है।
ऐसा माना जाता है कि वाराणसी के दक्षिण में पोखरा तालाब के पास स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर सबसे पहले ऋषि कर्दम मुनि ने बनवाया था। यहीं पर उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी।
12वीं शताब्दी में गढ़वाल के शासकों ने कर्दमेश्वर महादेव मंदिर का नवीनीकरण करवाया था। हर साल लाखों की संख्या में शिव भक्त महादेव के दर्शन पाने कर्दमेश्वर मंदिर आते हैं।
11. काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी उत्तर प्रदेश
भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिर में एक काशी विश्वनाथ मंदिर महादेव का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है जो भगवान शिव के गृहस्थल में स्थित है। काशी को भगवान शिव का घर भी कहा जाता है।
काशी में विश्वनाथ मंदिर को लगभग 4000 वर्ष पूर्व सबसे पहले भगवान शिव ने बनाया था। इसके बाद इस मंदिर को कई बार घुरीद व मुगल शासकों ने अपनी घृणा का शिकार बनाया। काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास चीख-चीख कर इस बात की पुष्टि करता है कि किस तरह मुगल शासकों की हिंदुओं के प्रति नफरत ने काशी विश्वनाथ मंदिर को चोट पहुंचायी है।
वर्तमान काशी विश्वनाथ मंदिर को 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में एक काशी विश्वनाथ को उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मंदिर भी माना जाता है।
हर वर्ष करोड़ों श्रृद्धालू वाराणसी काशी विश्वनाथ भगवान के दर्शन प्राप्त करने आते हैं।
12. खखरा मठ महादेव मंदिर, बुंदेलखंड़ उत्तर प्रदेश
आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश में महादेव का एक और प्राचीन व प्रसिद्ध शिव मंदिर कहां है?
बुंदेलखंड क्षेत्र में महोबा शहर में स्थित खखरा मठ महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश का एक और प्राचीन शिव मंदिर है। महोबा का यह महादेव मंदिर लगभग 1100 साल पुराना है।
चंदेल के शासक मदन बर्मन के द्वारा बनाये गये खखरा मठ मंदिर का निर्माण खजुराहो शैली में किया गया है। हालांकि खखरा मठ मंदिर में अब कोई भी शिवलिंग नहीं है और ये मंदिर काफी हद तक खंडर में तब्दील हो चुका है। फिर भी यह शिव शंकर का एक प्राचीन मंदिर है जिसकी तरफ भारत सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए।
13. नया विश्वनाथ मंदिर, बनारस उत्तर प्रदेश
काशी विश्वनाथ के अलावा बनारस में शिव जी का कौन सा मंदिर है जहां आप भगवान विश्वेश्वर के दर्शन कर सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में वाराणसी को मंदिरों का शहर कहा जाता है। वाराणसी में आपको एक नहीं बल्कि कई प्रसिद्ध शिव मंदिर देखने को मिलते हैं, नया विश्वनाथ मंदिर इनमें से एक है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित नया काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण सन् 1931 में बिरला परिवार के द्वारा करवाया गया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ-साथ आप बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी भगवान विश्वेवर के दर्शन कर सकते हैं। यह स्थान भीड़-भाड़ से अलग बहुत ही शांति प्रदान करने वाला है।
14. पुरा महादेव मंदिर, बागपत उत्तर प्रदेश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भगवान शिव का एक बहुत पुराना मंदिर है जिसे पुरा महादेव के नाम से जाना जाता है।
परशुराम महादेव मंदिर कहां पर है यह आप पुरा महादेव मंदिर की कहानी के बारे में जानकर ही जान सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भगवान परशुराम से जुड़ा होने के कारण पुरा महादेव मंदिर को ही परशुराम मंदिर कहा जाता है।
पुरा अथवा परशुराम महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पुरा गांव में स्थित है। बताया जाता है कि नारायण के अवतार परशुराम ने भगवान शिव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न किया था। जहां उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की थी वहीं पर पुरा महादेव मंदिर का निर्माण हुआ है।
प्राचीन समय में लंडहौरा की महारानी ने पुरा महादेव मंदिर का निर्माण करवाया था।
15. रतनेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी उत्तर प्रदेश
रतनेश्वर महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक और प्राचीन मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है।
भगवान शिव की नगरी काशी में स्थित रतनेश्वर महादेव मंदिर को सबसे ज्यादा फोटो लिये जाने वाले मंदिर का दर्जा भी दिया गया है। वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर स्थित यह मंदिर देखने में तो पूरी तरह से मजबूत दिखायी देता है लेकिन इसकी एक खास बात इसका उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर झुकाव है।
रतनेश्वर महादेव मंदिर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर झुका हुआ है इसलिए इसे झुका हुआ मंदिर व काशी करवट भी कहा जाता है। मंदिर का गर्भगृह कुछ महीनों को छोड़कर बाकी समय पूरी तरह से गंगा के जल में डूब जाता है।
इस ब्लॉग में हमने उत्तर प्रदेश में कुल कितने मंदिर हैं जो भगवान शिव को समर्पित हैं के बारे में आपको पूरी व सटीक जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। फिर भी अगर महादेव के उत्तर प्रदेश में कितने मंदिर है इस संबंध में आपके कोई सुझाव या सवाल तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।