अगर आपने भी गंदेवड़ा गंगा यमुना संगम के बारे में सिर्फ सुना है, और आप यह नहीं जानते कि भारत की दो पवित्र नदियों का यह मिलन उत्तर प्रदेश के किस हिस्से में है तो बने रहिए हमारे साथ।
गंदेवड़ा का यह गंगा-यमुना संगम कहां है, यहां कैसे जायें, इसकी पूरी जानकारी लेकर आये हैं हम इस ब्लॉग में।
गंदेवड़ा गंगा यमुना संगम कहां है – यहां कैसे पहुंचे?
उत्तर प्रदेश की धरती तीर्थ स्थलों, पावन नदियों और ऐतिहासिक धरोहरों से भरी हुई है। आप उत्तर प्रदेश में किसी भी कौने में चले जाइये, आप को कोई न कोई प्रसिद्ध मंदिर, या ऐतिहासिक स्थल मिल ही जायेगा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक ऐसा ही पवित्र स्थान है गंदेवड़ा का गंगा-यमुना संगम घाट। गंदेवड़ा का गंगा यमुना संगम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गंदेवड़ा गांव में स्थित है। गंदेवड़ा गांव को पहले औरंगाबाद कहा जाता था। (Read This Blog In English)
कैसे पहुंचे गंदेवड़ा संगम घाट – बस या रेल क्या है आसान तरीका?
गंदेवड़ा घाट जहां यमुना नदी सीधे गंगा से मिलती है और फिर साथ-साथ बहती है, श्रृद्धालुओं के लिए एक पावन स्थान है। अन्य धार्मिक स्थलों की तरह ही गंदेवड़ा संगम का भी हिंदू धर्म मानने वालों के लिए एक अहम महत्व है।
गंदेवड़ा संगम घाट गंगोह रोड़ पर पड़ता है। घाट तक जाने के लिए आपको बस, ऑटो, या ई-रिक्शा लेना होगा। शामली और थानाभवन दोनों जगह से ही गंगोह के लिए बस सुविधा उपलब्ध है।
शामली से गंदेवड़ा घाट की दूरी लगभग 30 किमी. है जबकि थानाभवन से यह संगम 19 किमी. दूर स्थित है।
अगर आप बस से गंदेवड़ा संगम घाट आना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ड्राइवर को आपको गंदेवड़ा घाट छोड़ने के लिए कहना होगा। रेल से गंदेवड़ा संगम आने के लिए आपको शामली या थानाभवन रेलवे स्टेशन उतरना होगा।
कैसा दिखता है गंदेवड़ा का गंगा यमुना संगम घाट?
गंदेवड़ा का गंगा-यमुना घाट एक सुंदर स्थान है। नदी के दोनों तरफ पक्के घाट व सीढियां बनी हैं ताकि सभी श्रृद्धालू आसानी से स्नान कर सकें। नदी में एक तरफ गंगा बहती है और दूसरी तरफ यमुना।
घाट पर जिस तरफ गंगा नदी बहती है उस तरफ Changing Rooms, और वाशरूम बने हुए हैं।
गंदेवड़ा संगम घाट पर लगे घने पड़ों की ठंड़ी छाया में बैठ कर आप विश्राम भी कर सकते हैं। घाट का पूरा वातावरण बहुत ही सुखद, और मन को शांति प्रदान करने वाला है।
गंदेवड़ा संगम घाट का निर्माण कब करवाया गया था?
सन् 2018-19 में लोकसभा सदस्य व पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा जी ने गंदेवड़ा गांव में गंगा यमुना संगम का निर्माण करवाया था। निर्माण होने से लेकर अब तक घाट को समय-समय पर विकसित किया जा चुका है।
सरकार के द्वारा गंदेवड़ा संगम घाट को एक विख्यात पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है।
क्या गंदेवड़ा संगम घाट पर खाने-पीने की उचित व्यवस्था है?
हर रोज हजारों लोगों की उपस्थिति का साक्षी बनने वाले गंदेवड़ा संगम घाट पर खाने-पीने की भी अच्छी व्यवस्था है।
देश की दो प्रमुख नदियों गंगा-यमुना संगम में स्नान करने के बाद आप छोले-भटूरे, समोसा चाट, पकोड़ा, ब्रैड़ पकौड़ा, गोल गप्पे, का आंनद भी ले सकते हैं। चाय, पानी और कोल्ड ड्रिंक की सुविधा भी आपको घाट पर मिल जाती है।
शामली जिले के गंदेवड़ा गांव में बने गंगा यमुना संगम घाट के बारे में हमने आपको विस्तृत जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। अगर हमसे कुछ छूट गया हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बता सकते हैं। क्या आप गंदेवड़ा संगम घाट पर कभी गये हैं? अपना अनुभव भी आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
अगर आप पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहते हैं और गंगा यमुना संगम दर्शन के लिए प्रयागराज नहीं जा सकते, या फिर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार नहीं जा सकते तो आप शामली जिले में गंदेवड़ा घाट पर स्नान करने आ सकते हैं।